युवाओं का ट्विटर स्टॉर्म, रोजगार दो ट्विटर पर ट्रेंड हुआ, सरकारी नौकरियों में भर्ती नहीं होने से यूथ नाराज, बेरोजगारी पर चर्चा क्यों नहीं …
-ट्विटर पर #modi_rojgar_do का तूफान, रोजगार का मूददा फिर चर्चा में, सरकार के लिये खतरे की घंटी, दस लाख से ज्यादा लोगों ने किए ट्वीट और रिट्वीट
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जिस ट्विटर पर भाजपा और उसके आईटी सेल का कब्जा हुआ करता था, अब वह नहीं रहा. जिस तरह यूथ अपने हक के लिये आगे आ रहा है, उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि ज्यादा दिन आईटी सेल के झूठे कंटेंट काम नहीं आने वाले है. बात हो रही है रोजगार की. रोजगार के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बुरी तरह से विफल हुई है. आश्चर्य की बात तो यह है कि कि रोजगार पर बात क्यों नहीं करते. कहां तो 2013 में 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करते थे, अब तो रोजगार पर बात ही नहीं करते. वैसे तो दुनिया के हर मुद्दे पर भाजपा के प्रवक्ता नॉलेज देते है, लेकिन रोजगार पर पीएम से लेकर प्रवक्ता चुप्पी साधे हुए है. लंबे समय से छात्र सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे है. युवाओं ने सभी राजनेताओं से अपनी बात उठाने को कहा, लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. ऐसे में युवाओं ने ठाना कि अब भाजपा को उसी की स्टाइल में जवाब देंगे. युवाओं ने ट्विटर पर ऐसा हल्ला मचाया कि सरकार भी सकते में आ गई. इससे पूर्व में भी रेलवे की परीक्षा नहीं होने पर युवाओं ने ट्विटर पर अपनी बात को ट्रेंड कराया था, उसके बाद रेल मंत्री ने परीक्षा की तिथि घोषित की थी. इसी तर्ज पर युवाओं ने #modi_rojgar_do ट्रेंड कराया है. 10 लाख से अधिक युवा ट्वीट और रिट्वीट कर चुके है. वर्ल्ड वाइड ट्विटर पर चौथे नंबर पर रेंक हो रहा है. लगातार ट्वीट और रिट्वीट होने से रेंक एक तक पहुंच सकता है. लगातार प्राइवेटाइजेशन और उद्योगपतियों के लिये बन रही नीति से यूथ खासा नाराज दिख रहा है…
बेरोजगारी पर चर्चा क्यों नहीं, ट्रेंड होने की एक वजह यह भी…
दरअसल हाल ही में एसएससी टियर-2 रिजल्ट आया है. उसमें युवाओं ने 600 में से 528 नंबर लाये है, फिर भी उनका चयन नहीं हुआ. वजह ये भी है कि पहले एसएससी, बैंकिंग में अच्छी खासी तादाद में वैकेंसी आती थी, लेकिन वर्ष 2014 के बाद एसएससी, बैंकिंग और रेलवे की वैकेंसी में पचास फीसदी तक कमी आ गई. ज्यादा वैकेंसी आने से कम नंबर पर भी सिलेक्शन हो जाता था, अब शत प्रतिशत नंबर लाने पर भी चयन पक्का नहीं है. इसके अलावा परीक्षा के रिजल्ट में बेवजह की देरी से युवा परेशान है. कुछ युवा तो डिजिटल इंडिया स्लोगन पर भी कमेंटस कर रहे है. उनका कहना है कि रेलवे की प्री परीक्षा में चार महिने का समय लग रहा है,तो फिर काहे डिजिटल इंडिया. मीम्स की बाढ़ आ गई है ट्विटर पर. कभी ऐसे मीम्स के लिये आईटी सेल पॉपुलर होता था…
बेरोजगारी पर चर्चा क्यों नहीं, युवाओं ने टिविटर पर पूछा सवाल…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के बड़े बड़े नेता रोजगार के नाम से कन्नी काट लेते है. वैसे सभी मुद्दों पर सत्तर साल वाली सरकार को कोसते है, लेकिन जब रोजगार के मुद्दे पर फसते है, तो पूर्व की सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराते है, वजह ये है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में रोजगार सृजन पर काम होता था…अभी तो नीतियां कुछ चुनिंदा लोगों के लिये बनती है. हैरत की बात तो यह है कि इस बजट में सरकारी नौकरी पर भी कुछ नहीं कहा.
राहुल गांधी ने पूछा जन की बात क्यूं नहीं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर ट्वीट कर निशाना साधा है. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में मन की बात नहीं जन के मन की बात कहे. इसके अलावा अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी रोजगार के मुद्दे पर आवाज बुलंद की है…
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