उपचुनाव की आचार संहिता के पहले नौकरी देंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान?
भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के लिए 18 से 22 सितंबर के बीच आचार संहिता लग सकती है। इसके लिए तैयारियां तेज हो गई है।
चुनाव आयोग के मुताबिक बिहार चुनाव के साथ ही मध्यप्रदेश में चुनाव कराये जायेंगे।
संभवत 30 अक्टुबर के पहले चुनाव हो भी जायेंगे। चुनाव आयोग की टीम बिहार के दौरे पर है।
आने वाले तीन चार दिनों में चुनाव की तैयारियों के संबंध में आयोग के द्वारा जानकारी दी जायेगी। इसमें चुनाव की तारीखों की घोषणा भी की जायेगी।
ये बात प्रदेश की सरकार को भी पता है, और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी।
इसलिए प्रदेश के छात्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आचार संहिता के पहले नई सरकारी नौकरी के नोटिफिकेशन जारी करने की मांग बीते तीन माह से कर रहे है।
23 मार्च को कमलनाथ सरकार के जाने के बाद से प्रदेश के युवा शिवराज सकरार से सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे है।
4 सितंबर के आंदोलन के बाद जागे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
4 सितंबर को राजधानी भोपाल में दस हजार से अधिक छात्राओं ने “नौकरी दो” के नारे लगाकर प्रदर्शन किया था।
इस विरोध के बाद सरकार को भी आगे आकर बयान देना पडा कि वह जल्द ही सरकारी नौकरी देने जा रही है।
अनुपपूर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मेरे प्यारे बच्चों, भांजे, भांजियों चिंता मत करो, जल्दी नौकरी आयेगी।
इसके बाद राज्य शासन ने भी आधिकारिक प्रेस रिलीज में इस बात को मीडिया के सामने जारी किया।
वहीं मुरैना में एक सभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ग्वालियर के बच्चो के लिए जल्द ही पुलिस भर्ती लाने जा रहे है।
इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही भर्ती आयेगी। हालांकि बयान तो सोशल मीडिया पर खूब चला। लेकिन नौकरियां नहीं आई।
मन में डर, नहीं आई नौकरी तो अगले तीन साल मनमर्जी
अब युवाओं के मन में डर सता रहा है कि अगर आचार संहिता के पहले नोटिफिकेशन नहीं आया तो दिसंबर तक रूकना पडेगा।
एक बार अगर फिर से सरकार बनी तो तीन साल में मनमर्जी से भर्ती आयेगी।
अभी चुनाव है, इसलिए भर्ती को लेकर दबाव बनाया जा सकता है।
नौकरी नहीं दी तो चुनाव में उठाना पड सकता है नुकसान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को
अब देखने वाली बात होगी कि सरकार आचार संहिता के पहले भर्ती लाती है या नहीं। सरकार भर्ती नहीं लाती है, तो उसे ग्वालियर सहित 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में नुकसान उठाना पड सकता है।
सरकारी नौकरी नहीं मिलने से प्रदेश का युवा नाराज है। सरकार भी युवाओं की नाराजगी मौल नहीं लेना चाह रही होगी।
शिक्षक पात्रता परीक्षा स्थगित
मप्र में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग -3 की परीक्षा एक बार फिर से स्थगित हो गई है।
पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 26 सितंबर से 22 अक्टुबर तक परीक्षाएं होना थी।
परीक्षा की तिथि घोषित होने के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा होने की उम्मीद थी।
लेकिन पीईबी ने परीक्षा तिथि को वेबसाईट से हटा लेने के बाद अभ्यर्थियों में नाराजगी है।
परीक्षा कब होगी, इसको लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। पीईबी ने वेबसाईट पर कहा है कि जल्द ही नई तिथियों की घोषणा की जायेगी।
वैसे पीईबी कोरोना की आड लेते हुए परीक्षा कराने से इंकार नहीं कर सकता है। क्योंकि नीट और जेईई की परीक्षाएं कोरोना में हुई है।