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मप्र में उपचुनाव की आचार संहिता प्रभावी- सरकारी नौकरी मांगने वालों को मिला बाबाजी का ठुल्‍लू

मप्र में उपचुनाव की आचार संहिता प्रभावी- सरकारी नौकरी मांगने वालों को मिला बाबाजी का ठुल्‍लू

-सरकारी नौकरी का इंतजार -युवाओं को सलाह ठेला लगाओ,  चाट पकोडी बेचो,,सेल्‍स माकेर्टिंग की नौकरी करो

-राज्‍य सरकार ने कैबिनेट में निर्णय लेकर बता दिया, उनकी प्राथमिकता में नहीं है सरकारी नौकरी

BHOPAL. मध्‍यप्रदेश में मार्च माह के बाद सभी को पता था कि उपचुनाव होने वाले है. जब तक उपुचनाव में परिणाम नहीं आ जाते है, तब तक कोई भी सरकार फूल फ़लैश नहीं मानी जायेगी.

वर्तमान मुख्‍यमंत्री ने एक सभा में कहा था कि वह टेंपररी मुख्‍यमंत्री है. लोगों से आव्‍हान किया था कि उनको जीताये और तीन साल का परमानेंट मुख्‍यमंत्री बनाये.

हालांकि इन सबके बीच मप्र के बेरोजागर युवा सरकारी नौकरी की आंस लगा कर बैठे थे.

नौकरी को लेकर 4 सितंबर को प्रदेश की राजधानी भोपाल में जंगी आंदेलन किया गया था.

तब मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि भांजे- भांजियों चिंता मत करो. तुम्‍हारा मामा 25 हजार पदों पर भर्ती करेगा.

इस बीच सरकारी नौकरी के नोटिफ‍िकेशन आए भी. लेकिन उनमें से अधिकांश संविदा आधाारित थे.

उपयंत्री के लिए एमपी अर्बन डेवलपमेंट का जो नोटिफ‍िकेशन निकला है, वह जून में भी निकल चुका है.

बेरोजागर छात्रों का कहना है कि सरकार ने झाड़ पोछकर उसी पूराने विज्ञापन को निकाल दिया.

हालांकि बेरोजगार भी संविदा नौकरी से खुश दिखते है. उनके विरोध को भी दबाया जा रहा है.

 

सरकारी नौकरी मांगने पर भी नहीं मिली 

 

ग्‍वालियर चंबल क्षेत्र का युवा लंबे समय से पुलिस भर्ती की आंस में बैठा हुआ था. सरकार ने प्रेस नोट जारी कर बताया था कि 3 हजार से अधिक पुलिस आरक्षक के पद पर सरकारी भर्ती की जयेगी.

लेकिन अब आचार सं‍हिता लग चुकी है. ऐसे में अगर नौकरी आती भी है, तो चुनाव आयोग उसे जांच के दायरे में ला देगा.

वैसे सरकारी भर्ती का विरोध विपक्ष नहीं कर पायेगा. लेकिन आचार संहिता के पहले पुलिस भर्ती का नोटिफ‍िकेशन आ जाता तो युवा अब तक तैयारी में जट जाते .

 

अतिथि अध्‍यपकों को साफ इंकार

 

वर्ष 2018 के पहले से अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

जब भाजपा के नेताओं ने नियमितीकरण से इंकार किया तो कांग्रेस सभी अतिथि शिक्षकों को रेग्‍यूलर करने का भरोसा दिया. रेग्‍यूलर करने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई थी.

जिसे भाजपा सरकार के उच्‍च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में दिए जवाब में स्‍वीकार किया है.

हालांकि मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं करने वाली है.

 

सरकार ने इतने पदों पर भर्ती करने का भरोसा दिया था

 

 

  • शिक्षक विभाग में 15 हजार पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा 
  • गृह विभाग में पुलिस आरक्षक 3272 पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा
  • किसान कल्‍याण विभाग में 863 पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा
  • गृह विभाग में रेडियो संवर्ग 493 पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा
  • राजस्‍व निरीक्षक के 372 पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा
  • कौशल संचालनालय में 302 पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा
  • शीघ्रलेखक, भृत्‍य एवं अन्‍य पदों पर भर्ती का दावा, अब तक एक भी पद नहीं भरा

 

 

इन पदों पर आई सरकारी संविदा भर्ती

 

 

  • एमपीयूडीसी में संविदा के 52 पद निकले
  • एनएचएम में संविदा के 3800 पदा निकले
  • आयुष विभाग में लेक्‍चरर्स के 95 पद निकले
  • स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में 2150 पदों पर सीधी भर्ती के पद निकले
  • जेल प्रहरी के 282 पदों पर सरकारी भर्ती निकली

 

 

अब इंतजार और इंतजार

 

मप्र में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के पास इंतजार और इंतजार करने के अलावा कोई चांस नहीं है.

एक माह बाद उपचुनाव के परिणाम आयेंगे. जो भी सरकार बने, उसके बाद नई नौकरियों के नोटिफ‍िकेशन आने शुरू होंगे.

इसमें कम से कम जनवरी तक समय गुजर जायेगा. वो भी अगर सरकार की नौकरी देने की मंशा होगी, तो रिक्‍त पदों पर एक बार फ‍िर से भर्ती की प्रक्रिया पटरी पर लोटती दिखेगी.

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